कोरोना की लहर के बाद CBSE की बोर्ड परीक्षाएं कराने की तैयारी, जानें कब हो सकते हैं एग्जाम
CBSE exam news: एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. सीबीएसई 10वीं और 12वीं के टर्म 1 की बोर्ड परीक्षा पहले ही ले चुका है. इस साल मार्च-अप्रैल में बोर्ड के दूसरे फेज की परीक्षा आयोजित की जानी है.
सीबीएसई की परीक्षाएं कैंसिल होने की संभावना कम है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
सीबीएसई की परीक्षाएं कैंसिल होने की संभावना कम है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
CBSE exam news: देश में कोरोना की वजह से न सिर्फ स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद हुए हैं बल्कि इसका असर परीक्षा पर भी पड़ा है. तीसरी लहर की वजह से कई एग्जाम स्थगित और कुछ को कैंसित करना पड़ा है. वहीं सीबीएसई और शिक्षा मंत्रालय 10वीं एवं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर कराने के पक्ष में है. यदि किसी वजह से परीक्षाएं नहीं ली जा सकीं तो पहले फेज की परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षा के रिजल्ट्स की घोषणा की जाएगी. हालांकि परीक्षा कैंसिल होने की संभावना कम है.
हो चुकी है टर्म 1 की बोर्ड परीक्षा
एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद 10वीं एवं 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं कक्षा के टर्म 1 की बोर्ड परीक्षा पहले ही ले चुका है. इस साल मार्च-अप्रैल में बोर्ड के दूसरे फेज की परीक्षा आयोजित की जानी है. यह परीक्षा 2 घंटे की होगी और इसमें पूछें जाने वाले सभी सवाल सब्जेक्टिव होंगे.
सीबीएसई के एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. जोसेफ इमैनुएली ने दसवीं और बारहवीं की टर्म 2 परीक्षा के लिए सैंपल क्वेश्चन पेपर जारी किए हैं. इमैनुएली ने स्कूलों के प्रिंसिपल को बताया कि दूसरे फेज की परीक्षा से संबंधित सैंपल क्वेश्चन पेपर वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं. यही नहीं सीबीआई ने परीक्षाओं के लिए मार्किंग स्कीम भी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की है.
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वैक्सीनेशन पर भी जोर
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज पहले ही कह चुके हैं कि यदि दूसरे फेज की परीक्षाएं नहीं हो पाती है तो पहले फेज की बोर्ड परीक्षाओं में हासिल किए गए नंबर ही अंतिम माने जाएंगे. इन्हीं के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा. हालांकि यदि ऐसी कोई स्थिति नहीं आती है और दूसरे फेज की परीक्षाएं भी सीबीएसई द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित करा ली गईं तो फाइनल रिजल्ट इन दोनों परीक्षाओं के मार्क्स 50 -50 फीसदी के हिसाब से तय किए जाएंगे.
शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ही 15 से 18 साल की उम्र के छात्रों के टीकाकरण पर भी खास ध्यान दे रहे हैं. जिसे परीक्षा में शामिल होने वाले ये छात्र कोरोना से लड़ाई में प्रतिरोधी शक्ति हासिल कर सकें.
हाइब्रिड मोड के लिए अभ्यस्त
सेठ जयपुरिया स्कूल के हेड मास्टर पंकज राठौर ने परीक्षा की तैयारियों को लेकर जानकरी दी. उन्होंने कहा कि कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि महामारी ने बच्चों को सीखने के हाइब्रिड मोड के लिए अभ्यस्त कर दिया है. स्कूल की आईटी तैयारी हमें मूल्यांकन (Evaluation) की पारंपरिक धारणाओं से आगे बढ़ने में मदद करेगी. स्कूलों को हालात के साथ बने रहना चाहिए और यह एनश्योर किया जाना चाहिए कि छात्र प्रीबोर्ड और बोर्ड के लिए तैयार हैं.
उनका कहना है कि 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के बाद इनके लिए ऑफलाइन क्लासेस की योजना बनाई जा रही है. स्कूल कैंपस के भीतर वैक्सीनेशन कैंप बच्चों को घर जैसा महसूस कराने में मदद करेंगे. वहीं वैक्सीनेशनके बाद कुछ दिनों तक छात्रों का निरीक्षण करना जरूरी है क्योंकि उनका हेल्थ हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
05:19 PM IST